अगस्त्यकूडम बर्डवाचर्स के लिए कुदरत का वरदान है। केरल की यह दूसरी सबसे ऊंची चोटी को लंबे समय से वर्डवाचर्स का स्वर्ग माना जाता रहा है और बहुत से जिज्ञासु लोग यहां विशिष्ट पक्षी प्रजातियों का अवलोकन करने आते रहे हैं। इसे नेय्यार डैम के पास से और बोणक्काड से देखा जा सकता है। अगस्त्यकूडम अपने विशिष्ट वनस्पतियों और जीवजंतुओं के लिए भी जाना जाता है खासकर यहां खोजे गए कुछ दुर्लभ औषधीय जड़ी-बूटियों के लिए। लाइकेन, ऑर्किड्स, मॉस और फर्न सहित 2000 से अधिक प्रजातियों की वनस्पतियां यहां रिकॉर्ड की गई हैं।
चोटी का नाम ऋषि अगस्त्य के नाम पर है और यह एक लोकप्रिय तीर्थस्थल है। यहां पर उनको समर्पित एक मंदिर भी है जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां की हवा को औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है। चोटी तक 90 मिनट की ड्राइव है और साथ बोणक्काड अंतिम मोटर योग्य स्थान है। ट्रेकिंग प्रतिबंधित है क्योंकि कुछ ही लोगों को चोटी तक जाने की अनुमति दी जाती है और महिलाओं का इसमें शामिल होने पर रोक है। यहां जाने के लिए दिसंबर से अप्रैल तक का समय मुफीद है और तिरुवनंतपुरम के वाइल्डलाइफ ऑफिस से फॉरेस्ट पास लेकर यहां जाया जा सकता है।
वाइल्डलाइफ वार्डन
फारेस्ट डिपार्टमेंट
पी टी पी नगर, तिरुवनंतपुरम
फोन: +91 471 2360762
नजदीकी रेलवे स्टेशन: तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, बोणक्काड से लगभग 61 कि.मी. |
नजदीकी एयरपोर्ट: त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बोणक्काड से लगभग 69 कि.मी. |
अक्षांश: 8.803654, देशांतर: 77.197952
भौगोलिक जानकारीऊंचाई: समुद्र तल से 1890 मी.
डिपार्टमेंट ऑफ़ टूरिज्म, गवर्नमेंट ऑफ़ केरल, पार्क व्यू, तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत - 695 033
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