आलप्पुष़ा के कैनाल उन सभी के लिए खुले हैं जो ऐसी यात्रा चाहते हैं जो स्फूर्तिदायक भी हो और आत्मविश्लेषी भी। उन लोगों के रोजमर्रा का आज भी जीवन नहीं बदला जो इन तटों पर शताब्दियों से रहते आए हैं। दूर-दूर तक फैले धान के खेत और नारियल के पेड़ आपके चारों ओर मंद गति से झूमते हुए मालूम पड़ते हैं। बहुत सारे क्रूज विकल्प इस रहस्यमयी भूमि के प्रवेशद्वार जैसे हैं जो समय के थपेड़ों से अनछुए रहे हैं।
चाहे आप देशी नौका लें या विशाल हाउसबोट, वेम्बनाड झील से जुड़ा यह विशाल कैनाल नेटवर्क आपको हर मोड़ पर रोमांचित कर देगा। जब-तब अचानक से कोई किंगफिशर (रामचिरैया) चिड़िया पानी में गोता लगाती है और चोंच में मछली दबाकर उड़ जाती है जबकि पास के तट पर स्थानीय लोग मछली पकड़ने के कंटिया से वही काम कर रहे होते हैं। बच्चे नाव से स्कूल जा रहे हैं और केट्टुवल्लम (चावल के बराज) देखने वालों का ध्यान बरबस ही अपनी ओर खींच लेता है।
गांव के पास रुक कर नारियल जटा आधारित उद्योग को प्रत्यक्ष देखें। लोग तट के किनारे बसे हुए स्थानीय कुटीरों में उपलब्ध व्यंजनों का लुत्फ उठाते हैं। ताजा बने टैपिओका और फिश करी के मजे लें जो यहां का मुख्य खाना है। इस इलाके का भ्रमण तब तक पूरा नहीं होता जब तक कि आप यहां तैयार होने वाले खास कुदरती अल्कोहल पेय को चख लें जो कि स्थानीय लोगों का तो चहेता पेय है ही और यहां आने वाले पर्यटकों को भी खूब लुभाता है। चित्त लेट कर यहां के कुदरती सौंदर्य को अपनी आत्मा पर हावी हो जाने दें।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: आलप्पुष़ा, जो यहां से कुछ ही किमी की दूरी पर है।
नजदीकी एयरपोर्ट: कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 85 कि.मी.।
ऊंचाई: समुद्र तल
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