पल्लियरा श्री भगवती मंदिर जो अपने श्रद्धालुओं के लिए चिलंति अंबलम (दैवी मकड़ी के पूजन का विशेष स्थल) के रूप में लोकप्रिय है उन लोगों के लिए पूजन स्थल है जो मकड़ी के विष से पीड़ित होते हैं। अडूर से 10 किमी और पत्तनंतिट्टा से 11 किमी दूर यह मंदिर शक्तिभद्र सांस्कारिक केंद्रम कॉम्प्लेक्स की पृष्ठभूमि में स्थित है। यह भारत में अपने आपमें एकमात्र मंदिर है जहां मकड़ी विष की चिकित्सा हेतु श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।
पत्तनंतिट्टा जिले का कोडुमण़ प्रसिद्ध संस्कृत नाटक “आश्चर्य चूडामणि” के रचयिता श्री शक्तिभद्र का जन्म स्थान भी है। अभी कोडुमण़ में शक्तिभद्र सांस्कारिक केंद्रम नामक संगठन शक्तिभद्र की ख्याति के अनुरूप एक उपयुक्त स्मारक के निर्माण के उद्देश्य से काम कर रहा है। पूर्ण विकसित नाटक की रचना के मामले में वह 9वीं शताब्दी के दक्षिण भारतीय संस्कृत विद्वानों में अग्रणी थे। आश्चर्य चूडामणि दक्षिण भारत के मूल संस्कृत नाटकों में प्रथम था।
मंदिर में मलयालम महीना वृश्चिकम (नवंबर/दिसंबर) के कार्तिक नक्षत्र के दिन वार्षिक त्योहार मनाया जाता है।
फोन: +91 4734 287002
यहां पहुंचने के लिएनजदीकी रेलवे स्टेशन: करुनागप्पल्ली, अडूर-शास्तांकोट्टा रोड से होकर, लगभग 38 किमी दूर पर स्थित है |
नजदीकी एयरपोर्ट: त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 98 कि.मी.|
अक्षांश: 9.177855, देशांतर: 76.779299
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