कोष़िक्कोड का केरल के इतिहास में खास जगह है क्योंकि यहीं पर वास्को-द-गामा पहली बार उतरा था और उसके बाद ऐतिहासिक मसाला व्यापार के मार्ग खुले थे। यह क्षेत्र आज भी अपने ऐतिहासिक आकर्षण से युक्त है। कोष़िक्कोड बीच अनेक चरित्रों को साकार करता है जिनसे कोष़िक्कोड इतना अनोखा और खास है।
इसके समुद्र तट से सूर्यास्त का नजारा देखने बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं। बीच के आस-पास के कुटीरों में ताजे सीफुड का लुत्फ उठाया जा सकता है। कल्लुम्मक्काया (मसल यानी शंबूक) स्थानीय लोगों का पसंदीदा आहार है। प्रातः काल डॉलफिन पॉइंट तक टहलने जाएं तो निश्चित रूप से आपको खिलंदर डॉलफिन देखने को मिल सकते हैं। आपका स्वागत एक विशाल लाइटहाउस और सागर में खुलने वाले दो पोतघाट (पायर्स) करते हैं। दोनों यहां सौ साल से भी अधिक समय से हैं। लायंस पार्क और नजदीकी मरीन वाटर एक्वेरियम में बच्चों का जमघट लगा रहता है जो सभी दिन 08:00 बजे से 20:00 बजे तक खुला रहता है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: कोष़िक्कोड, लगभग 3 कि.मी. |
नजदीकी एयरपोर्ट: कालिकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 29 कि.मी. |
अक्षांश: 11.262887, देशांतर: 75.766432
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