‘कुतिरामालिका’ यानी “घोड़ा महल” आने वालों के प्रतीक्षा में यहां लकड़ी के 122 मुस्कुराते घोड़े खड़े हैं। औपचारिक रूप से कुतिरामालिका पैलेस म्यूजियम या पुत्तनमालिका पैलेस म्यूजियम के रूप में ज्ञात यह एक पुराना दो मंजिला महल है जो तिरुवंतपुरम के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के पास स्थित है। ब्रिटिश भारत में त्रावणकोर के राजा स्वाति तिरुनाल बालरामा वर्मा द्वारा निर्मित यह महल आपको 1840 के दशक में ले चलता है जब इसका निर्माण हुआ था। यह केरल शैली की स्थापत्य कला का सुंदर नमूना है और इसका निर्माण टीक की लकड़ी, रोजवुड, संगमरमर और ग्रेनाइट से किया गया है। म्यूजियम में सफेद संगमरमर की मूर्तियां, कथकली प्रतिमाएं, बेल्जियम के दर्पण और पेंटिंग्स रखे हुए हैं। केरल और शेष विश्व के बीच फलते-फूलते मसाला व्यापार की बदौलत ये वस्तुएं प्राप्त हुई थीं।
यहां नंगे पांव चलना भी काफी लोकप्रिय है। यह राज्य की राजधानी में छुपे हुए अन्य युग की यात्रा करने जैसा है। स्थानीय गाइड आपको इस महल के कई छुपे हुए राज बताते हैं जो निश्चित रूप आपको हैरान कर डालते हैं।
08:30 - 13:00 बजे & 15:00 - 17:30 बजे। सोमवार को बंद रहता है।
संपर्क जानकारीफोन: +91 471 2473952
यहां पहुंचने के लिएनजदीकी रेलवे स्टेशन: तिरुवनंतपुरम सेंट्रल, लगभग 1 कि.मी. |
नजदीकी एयरपोर्ट: त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 6 कि.मी. |
अक्षांश: 8.482517, देशांतर: 76.945515
डिपार्टमेंट ऑफ़ टूरिज्म, गवर्नमेंट ऑफ़ केरल, पार्क व्यू, तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत - 695 033
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