मलप्पुरम जिले में स्थित निलंबूर शहर से 2किमी की दूरी पर स्थित है, जो दुनिया का सबसे पुराना टीक प्लांटेशन का स्थान है। इसकी स्थापना 1840 के दशक में हुई थी और यह लगभग 2.31 एकड़ में फैला हुआ है। इसका नाम इसके निर्माता, एच.वी. कनौली के नाम पर रखा गया, जो उस समय मलबार के जिला कलेक्टर हुआ करते थे। चात्तु मेनन ने इस बागान के विकास में अहम भूमिका निभाई थी, जिन्हें यहीं दफ्नाया गया था। उन्होंने बिड़वों को रोपने का कठिन कार्य पूरा किया था।
यहीं पर दुनिया का सबसे प्राचीन टीक वृक्ष कन्निमारि भी स्थित है। इस क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासी इसे पवित्र वृक्ष मानते हैं और इसकी नैसर्गिक भव्यता को देखने के लिए बड़ी संख्या में यहां लोग आते हैं। यह राज्य के बागानों में एक अनूठा बागान है। इस शहर के लगभग 4 कि.मी की दूरी पर टीक म्यूजियम स्थित है। यह म्यूजियम केरल वन अनुसंधान संस्थान का उप-केंद्र है। इसके ग्राउंड फ्लोर पर कन्निमारा टीक के अध्ययन की व्यवस्था है। यह नस्ल देश में प्राकृतिक रूप से उगने वाला सबसे पुराना नस्ल है।
निकटतम रेलवे स्टेशन: निलंबूर रेलवे स्टेशन षोरणूर-निलंबूर रेलवे लाइन का आखिरी स्टेशन है।
नजदीकी एयरपोर्ट: कालिकट (कोष़िक्कोड) इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 26 कि.मी. |
अक्षांश: 11.26779, देशांतर: 76.206404
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