टीपू का किला, जिसे पालक्काड फोर्ट भी कहते हैं पालक्काड का खूबसूरत रखरखाव वाला स्मारक है जो कभी एक महत्वपूर्ण सैन्य छावनी हुआ करता था। हैदर अली द्वारा 18वीं शताब्दी में पुनर्निर्मित यह किला अंग्रेजों के अधिकार में जाने से पहले मैसूर के शासकों के अधीन था। इसका उपयोग अब सरकारी सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से किया जाने लगा। हैदर अली के पुत्र टीपू सुल्तान के नाम वाला यह किला आज एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थल है।
यह दक्षिण भारत के सबसे अच्छी तरह संरक्षित किलों में है। मोटी लैटराइट दीवारें उन सभी को लुभाती हैं जिनकी इन पर नजर पड़ती हैं। लोग यहां शांति और सुकून से टहलने और जॉग करने आते हैं। किले और पालक्काड टाउन हॉल के बीच एक बड़ा मैदान है जो सार्वजनिक सम्मेलनों और महत्वपूर्ण समारोहों का एक प्रमुख स्थल है। आज यह किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित है। यह स्थल पालक्काड आने वाले सभी पर्यटकों का एक पसंदीदा पिकनिक स्थल है।
08:00 - 18:00 बजे
प्रवेश नि: शुल्क है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन: पालक्काड, लगभग 5 कि.मी. |
नजदीकी एयरपोर्ट: तमिलनाडु राज्य में कोयम्बत्तूर, लगभग 55 कि.मी.; कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 140 कि.मी. |
अक्षांश: 10.766532, देशांतर: 76.655359
डिपार्टमेंट ऑफ़ टूरिज्म, गवर्नमेंट ऑफ़ केरल, पार्क व्यू, तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत - 695 033
फोन: +91 471 2321132, फैक्स: +91 471 2322279, ई-मेल: info@keralatourism.org.
सर्वाधिकार सुरक्षित © केरल टूरिज्म 2020. कॉपीराइट | प्रयोग की शर्तें | कुकी पॉलिसी | संपर्क करें.
इनविस मल्टीमीडिया द्वारा विकसित व अनुरक्षित.