स्थल: श्री नागराज मंदिर, मण्णाराशाला
स्थान: हरिप्पाड़
जिला: आलप्पुष़ा
निर्जन जंगल में स्थित इस मंदिर में सर्पों की 30,000 से अधिक तस्वीरें हैं जो रास्तों और पेड़ों की शोभा बढ़ाती है। यह आलप्पुष़ा जिले में स्थित विशेष मण्णाराशाला श्री नागराज मंदिर है। सर्प देवता को समर्पित यह मंदिर इस बात के लिए भी विशेष है कि इस मंदिर की पुजारिन एक ब्राह्मण महिला है। यहां का मुख्य त्योहार है आयिल्यम त्योहार जो मलयालम महीना तुलाम में आयिल्यम नक्षत्र में पड़ता है, जो मोटे तौर पर अक्टूबर/नवंबर का महीना होता है।
शोभायात्रा इस त्योहार के मुख्य आकर्षणों में से एक है, जिसमें मंदिर में स्थित सर्प की सभी मूर्तियों और पवित्र कुंज को इल्लम (ब्राह्मण का पैतृक घर, जो मंदिर के प्रबंधन का काम करती है) ले जाया जाता है। पुजारिन नागराज की मूर्ति को ले जाती है, जो मंदिर के अधिष्ठातृ देवता हैं। इल्लम में विशेष पूजा होती है और चढ़ावा चढ़ाया जाता है।
और अधिक जानकारी के लिए देखें: www.mannarasala.org
यहां पहुंचने के लिए
नजदीकी रेलवे स्टेशन: हरिप्पाड़, लगभग 4 कि.मी. |
नजदीकी एयरपोर्ट: कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 100 कि.मी. |