स्थल: नेल्लिक्कुलंगरा भगवती मंदिर
स्थान: नेन्मारा
जिला: पालक्काड
नेन्मारा वल्लंगी वेला नामक एक समारोह जिसे हर साल पालक्काड के नेल्लिक्कुलंगरा भगवती मंदिर में मनाया जाता है, इन तटों पर आयोजित सबसे खूबसूरत समारोहों में एक है। इसके चटख रंग, प्रकाश और आतिशबाजी और प्रदर्शित की जाने वाली कला एक मनोरंजक और यादगार अनुभव देते हैं।
चिट्टूर तालुका में चारों ओर से नेल्लियाम्पति वन से घिरी पहाड़ियों की गोद में बसे नेन्मारा और वल्लंगी ग्रामों का वेला समारोह अपनी भव्यता और अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। गावों के बीच की एक-दूसरे को हराने की मित्रवत प्रतिस्पर्धा इस संपूर्ण समारोह में जान डाल देती है और इस दौरान कई अनूठे करतब पेश किए जाते हैं। वेला का आयोजन धान की कटाई के बाद किया जाता है। इस समारोह को पीठासीन देवता नेल्लिक्कुलंगरा भगवती का जन्मदिन माना जाता है और यह मीनम के मलयालम माह के 20वें दिन पड़ता है। दो प्रतिस्पर्धी गांव, नेनमरा तथा वल्लंगी के अपने-अपने मंदिर हैं पर सभी लोग वेला के लिए नेल्लिक्कुलंगरा भगवती मंदिर में जुटते हैं।
इस दौरान आपको कुम्माट्टि, करिवेला तथा आंडिवेला जैसे अद्भुत कला रूपों से परिचय होगा। 20वें दिन भव्य प्रदर्शन निकाला जाता है, जिसमें दोनों गांवों से सुसज्जित हाथियों को नेल्लिक्कुलंगरा मंदिर ले जाया जाता है। मंदिर में पहुंचने पर दोनों ओर के लोग पंचवाद्यम (पारंपरिक केरल संगीत वृंद) पेश करते हैं। दोनों ओर के ग्रामीण उत्सवापंतल (त्योहार मंच) के नीचे एक-दूसरे के आमने-सामने खड़े होते हैं और बड़े उत्साह के साथ कई पारंपरिक संगीत बजाकर एक-दूसरे को हराने का प्रयास करते हैं। सुंदर तरीके से सजे आनापंतल भी लोगों को को खूब लुभाते हैं, जो हाथियों को रखने के घर के रूप में इस्तेमाल होता है।
यहां पहुंचने के लिए
नजदीकी रेलवे स्टेशन: पालक्काड टाउन, लगभग 27 कि.मी. |
नजदीकी एयरपोर्ट: कोयम्बत्तूर, पड़ोसी राज्य तमिलनाडु में, पालक्काड से लगभग 55 कि.मी. |