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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या मैं केरल में वर्षा वन देख सकता हूँ?

केरल में हरे-भरे, नम सदाबहार वन हैं, जो मुख्य रूप से पश्चिमी घाट की पवन-मुखी ढलानों पर स्थित हैं। ये वन 2000 मिमी से अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में पनपते हैं और 250 से 1200 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं, जहाँ सालाना 1500 से 4500 मिमी के बीच वर्षा होती है।

केरल के नम सदाबहार वनों में वनस्पति समृद्ध और विविध है, जिसमें मेसुआ फेरिया, पलाक्वियम एलिप्टिकम और कुलेनिया एक्सारिल्लाटा जैसी विशिष्ट वृक्ष प्रजातियाँ हैं। इन वनों में बिशोफ़िया जावनिका, कैनेरियम स्ट्रिक्टम, कैलोफ़िलम एलाटम और डायसॉक्सिलम मालाबारिकम जैसे ऊंचे, छायादार पेड़ भी हैं, जो 15 से 20 मीटर की ऊँचाई तक पहुँचने वाली एक प्रभावशाली छतरी बनाते हैं।

केरल के वर्षावन पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषता ठंडी, नम जलवायु, प्रचुर वर्षा और ऊंचाई और जोखिम में अद्वितीय विविधता है। राज्य के विविध वन प्रकार कई स्थानिक पौधों की प्रजातियों का समर्थन करते हैं, जिनमें नम, पर्वतीय सदाबहार वन प्रमुख निवास स्थान हैं। अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाने जाने वाले ये वन विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों और जीवों के लिए एक समृद्ध वातावरण प्रदान करते हैं, जो उन्हें प्रकृति प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए समान रूप से एक खजाना बनाते हैं।