केरल की संस्कृति में चीनी योगदान - (चीना चट्टी, चीना भरणी, आदि)
केरल और चीन के बीच समुद्री व्यापार संबंध प्राचीन काल से चले आ रहे हैं। चीनी मिट्टी के बरतन, रेशम और अन्य सामग्री केरल के लगभग हर घर में खरीदी जाने वाली लोकप्रिय वस्तुएँ थीं। खाना पकाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली छोटी लोहे की सॉसपैन को चीनाचट्टी कहा जाता है। इन वस्तुओं की चीनी उत्पत्ति चीनाचट्टी और चीनावला (चीनी मछली पकड़ने के जाल या चाइनीस फिशिंग नेट) जैसे शब्दों में परिलक्षित होती है। चीनीमुलकु शब्द एक छोटी हरी मिर्च को संदर्भित करता है, जबकि चीनी आलू, जिसे मलयालम में कूर्का के रूप में जाना जाता है, केरल में एक लोकप्रिय कंद है। इसके अतिरिक्त, अचार को संग्रहीत करने के लिए उपयोग किए जाने वाले चीनी मिट्टी के बर्तन को चीनाभरणी कहा जाता है।