अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल में वर्षभर मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों की विस्तृत सूची क्या है?

केरल में साल भर कई तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं, जिनमें ओणम सबसे लोकप्रिय है। अगस्त या सितंबर में मनाया जाने वाला ओणम फसल कटाई का त्यौहार है और यह पौराणिक राजा महाबली की घर वापसी के लिए श्रद्धांजलि भी है। इस त्यौहार के मुख्य आकर्षण में फूलों की कालीन (पूक्कलम), भव्य शाकाहारी दावतें, रोमांचकारी नाव दौड़, सांस्कृतिक प्रदर्शन और पारंपरिक खेल शामिल हैं।

तृश्शूर पूरम केरल के सबसे शानदार त्योहारों में से एक है, जिसे अप्रैल या मई में तृश्शूर जिले में मनाया जाता है। इस भव्य मंदिर उत्सव में जीवंत जुलूस, मंत्रमुग्ध कर देने वाले प्रदर्शन और सजे-धजे हाथियों का मनमोहक प्रदर्शन होता है। पारंपरिक ढोल (मेलम) की लयबद्ध धड़कनें त्योहार के माहौल को और भी रोमांचक बना देती हैं।

विशु केरल में मनाया जाने वाला एक और व्यापक रूप से मनाया जाने वाला त्यौहार है, जो अप्रैल में मनाया जाता है, जो फसल कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है। एक प्रमुख परंपरा विशु कानी है, जो घरों और मंदिरों में आयोजित एक शुभ प्रदर्शन है। इस त्यौहार में विशु कानीट्टम का आदान-प्रदान भी शामिल है, जहाँ बड़े लोग परिवार के छोटे सदस्यों को उपहार के रूप में पैसे देते हैं।

तिरुवनंतपुरम में आयोजित आट्टुकाल पोंगाला, किसी त्यौहार के लिए महिलाओं की सबसे बड़ी सभा के रूप में प्रसिद्ध है। फरवरी या मार्च में मनाया जाने वाला यह त्यौहार पोंगाला अनुष्ठान का मुख्य आकर्षण है, जिसमें भक्त देवी को प्रसाद के रूप में एक विशेष मीठा दलिया तैयार करते हैं।

तेय्यम उत्सव का मौसम दिसंबर से मार्च तक चलता है और इसमें कलाकारों द्वारा जीवंत वेशभूषा में एक पवित्र नृत्य अनुष्ठान किया जाता है। अपने जटिल श्रृंगार, विस्तृत पोशाक और तीव्र प्रदर्शनों के लिए जाना जाने वाला तेय्यम मुख्य रूप से केरल के उत्तरी जिलों में मनाया जाता है।

ये केरल में मनाए जाने वाले कई त्यौहारों में से कुछ हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी परंपराएँ, रीति-रिवाज़ और सांस्कृतिक महत्व है। हर त्यौहार राज्य की समृद्ध विरासत की झलक प्रदान करता है, जो इसकी जीवंत भावना और गहरी जड़ों वाली परंपराओं को दर्शाता है।