मानसून को केरल घूमने के लिए सबसे अच्छा समय बनाने वाले पांच कारक
मानसून की ऋतु; खास तौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से अगस्त), केरल को पानी की एक अनोखी दुनिया में बदल देता है।
इस दौरान होने वाली जल-आधारित गतिविधियों में केरल के लोगों के कौशल और शारीरिक शक्ति को देखने का मौका मिलता है। ऐसी ही एक गतिविधि का नाम ऊत्त पिटुत्तम (नदियों के उफान पर होने के दौरान मछली पकड़ने का पारंपरिक तरीका) है। यह राज्य के कई हिस्सों में देखने को मिल सकता है; लेकिन कोट्टयम और आलप्पुष़ा जिलों में यह बहुत आम तौर पर देखने को मिल जाता है।
मानसून के समय में ही केरल में आयुर्वेद और पंचकर्म के सदियों पुराने स्वास्थ्य देखभाल ज्ञान पर आधारित पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल प्रथाओं की शुरुआत हुई थी।
यह वह समय भी है जब केरल के उफनते जल क्षेत्रों में नाव दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन होता है। आलप्पुष़ा के बैकवाटर्स में विश्व प्रसिद्ध नेहरू ट्रॉफी नौका दौड़; भव्य औपचारिक आरन्मुला उत्रट्टाती वल्लम कली (नौका दौड़); आलप्पुष़ा में चम्पक्कुलम नौका दौड़ और कई अन्य बड़े और छोटे कार्यक्रम, स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी रोमांच से भर देते हैं।
इस दौरान आप कई आउटडोर गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं, जैसे मड फुटबॉल और वर्षा आधारित गतिविधियाँ।