कथकली का इतिहास क्या है?
कथकली की उत्पत्ति 17वीं शताब्दी में हुई थी, जो केरल की प्रारंभिक नृत्य और नाट्य परंपराओं से उभरी थी। यह पारंपरिक लोक और अनुष्ठानिक कला रूपों से प्रभावित शास्त्रीय नृत्य-नाटक रामनट्टम से विकसित हुआ। मूल रूप से मंदिर प्रांगणों में देवताओं को पूरी रात अर्पित किए जाने वाले कथकली में केरल की मार्शल आर्ट के तत्व भी शामिल थे, जिसमें गतिशील चाल और शैलीगत हाव-भाव शामिल थे। समय के साथ, इसके रूप और विषय-वस्तु दोनों में महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।