उत्तर केरल मंदिर उत्सव
केरल के उत्तरी क्षेत्र अपने जीवंत सांस्कृतिक त्योहारों के लिए प्रसिद्ध हैं।
इनमें से कुछ सबसे लोकप्रिय हैं:
तृश्शूर पूरम: केरल के सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक, तृश्शूर पूरम तृश्शूर में मनाया जाता है। इस उत्सव में सजे-धजे हाथियों का भव्य जुलूस, पारंपरिक संगीत और शानदार आतिशबाजी शामिल होती है।
आराट्टुपुषा पूरम: यह सबसे पुराना पूरम उत्सव है, जो तृश्शूर के उपनगर आराट्टुपुषा में श्री सास्था मंदिर में मनाया जाता है। इस भव्य उत्सव में जीवंत जुलूस, जटिल अनुष्ठान और सांस्कृतिक प्रदर्शन शामिल होते हैं।
नेन्मारा वल्लंगी वेला: केरल के पालक्काड जिले के नेन्मारा गांव में नेल्लीकुलंगरा भगवती मंदिर में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध मंदिर उत्सव। यह त्यौहार अपनी जीवंत शोभायात्राओं, जटिल अनुष्ठानों और सांस्कृतिक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता है।
तेय्यम और पेरुमकलीयट्टम महोत्सव: केरल के कण्णूर और कासरगोड जिलों के विभिन्न मंदिरों में मनाया जाने वाला यह महोत्सव भव्य पैमाने पर तेय्यम नृत्य का प्रदर्शन करता है।
कोट्टियूर वैशाख महोत्सव: यह त्यौहार मानसून की ऋतु (मई-जून) के दौरान कण्णूर के कोट्टियूर शिव मंदिर में, एक सुरम्य वन क्षेत्र के बीच मनाया जाता है।
ये उत्तरी केरल में मनाए जाने वाले कई त्यौहारों में से कुछ ही हैं। प्रत्येक त्यौहार अनूठी परंपराओं और रीति-रिवाजों को दर्शाता है, जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रदान करता है।