अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल में प्रमुख बागान फसलें कौन सी हैं?

कॉफ़ी, चाय, मसाले, रबर, आदि।

केरल की उष्णकटिबंधीय जलवायु विभिन्न बागान फसलों की खेती का समर्थन करती है, जिसमें नारियल प्रमुख है, जो भारत के उत्पादन में लगभग 70% योगदान देता है। यह राज्य काली मिर्च का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक भी है, इसकी अनूठी भौगोलिक परिस्थितियों के कारण जो मसाले की खेती के लिए अनुकूल हैं।

रबर केरल में एक और प्रमुख बागान फसल है, जो राज्य को भारत के रबर उत्पादन में अग्रणी योगदानकर्ता बनाती है। इसका पहाड़ी इलाका रबर की खेती के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रदान करता है। इलायची, जिसे 'मसालों की रानी' के रूप में जाना जाता है, केरल के उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में फलती-फूलती है।

केरल में चाय एक और उच्च ऊंचाई वाली फसल है। हालांकि भारत के अन्य भागों की तरह यह उतना व्यापक नहीं है, लेकिन राज्य में कॉफी की खेती के साथ-साथ चाय के बागान भी हैं।

केरल में अन्य महत्वपूर्ण बागान फसलों में काजू शामिल है, राज्य इसका प्रमुख उत्पादक है और इसका उद्योग अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सुपारी (बीटेल नट) की भी व्यापक रूप से खेती की जाती है और यह एक महत्वपूर्ण नकदी फसल के रूप में काम आती है।

ये बागान फसलें लंबे समय से केरल की अर्थव्यवस्था की रीढ़ रही हैं, जो इसकी कृषि संपदा और निर्यात उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।