अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल में धान की खेती का मौसम क्या है?

केरल में चावल की खेती के तीन मुख्य मौसम हैं:
1. विरिप्पु सीज़न (शरद ऋतु/पहली फसल): अप्रैल-मई से सितंबर-अक्टूबर तक चलने वाला यह मौसम चावल की खेती के चक्र की शुरुआत का प्रतीक है।

2. मुंडकन सीज़न (शीतकालीन/दूसरी फसल): सितंबर-अक्टूबर से शुरू होकर दिसंबर-जनवरी तक चलने वाला यह सीज़न सबसे बड़े खेती वाले क्षेत्र को कवर करता है और तीनों सीज़न में सबसे अधिक उत्पादन देता है।

3. पुंचा सीजन (ग्रीष्म/तीसरी फसल): दिसंबर-जनवरी में शुरू होकर मार्च-अप्रैल तक समाप्त होने वाला यह सीजन कृषि चक्र के पूरा होने का प्रतीक है।

केरल कृषि विभाग विभिन्न पहलों के माध्यम से धान की खेती का समर्थन करता है, जिसमें विस्तार कार्यक्रम, टिकाऊ प्रथाओं के लिए इनपुट सहायता और समूह खेती के लिए सहायता शामिल है। ऑपरेशन डबल कोले पहल जैसे उल्लेखनीय प्रयास कोले वेटलैंड्स में दोहरी फसल को बढ़ावा देते हैं। 2023-24 की अवधि के लिए, चावल के विकास के लिए ₹9,510 लाख का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें ₹200 लाख विशेष रूप से ऑपरेशन डबल कोले के लिए अलग रखे गए हैं। कार्यक्रम समावेशिता पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें कम से कम 33% लाभार्थी महिलाएँ हैं। इन उपायों का उद्देश्य केरल में चावल की खेती करने वाले सात कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में उत्पादकता को बढ़ावा देना है।