अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल सद्या क्या है और इसमें क्या खास बात है?

केरल सादिया एक भव्य शाकाहारी भोज है जिसे पारंपरिक रूप से केले के पत्तों पर परोसा जाता है। ओणम और विशु जैसे त्यौहारों के साथ-साथ शादियों और अन्य समारोहों के दौरान इसका बहुत महत्व है। जो बात इसे अद्वितीय बनाती है वह है व्यंजनों की विस्तृत श्रृंखला जो एक विशिष्ट क्रम में व्यवस्थित होती है, जो स्वाद, बनावट और रंगों का सामंजस्यपूर्ण संतुलन सुनिश्चित करती है, जो केरल की पाक परंपराओं की समृद्धि को प्रदर्शित करती है।

मलयालम में सद्या का अर्थ ""भोज"" होता है, यह एक भव्य शाकाहारी भोज है जो विशेष अवसरों जैसे विवाह, ओणम और विशु जैसे त्यौहारों तथा अन्य समारोहों पर परोसा जाता है।

केरल का एक विशिष्ट सद्या केले के पत्ते पर परोसा जाता है, जो पर्यावरण-मित्रता और परंपरा दोनों को दर्शाता है। भोजन में कई तरह के व्यंजन होते हैं, अक्सर 25 से ज़्यादा, जिन्हें एक खास क्रम में व्यवस्थित किया जाता है। हर व्यंजन में अलग-अलग स्वाद होता है, मीठे और मसालेदार से लेकर तीखे और खट्टे तक, जो एक संतुलित और आनंददायक पाक अनुभव बनाने के लिए एक साथ आते हैं।

आइटम और परोसने का क्रम

सदया को पारंपरिक रूप से केले के पत्ते पर परोसा जाता है, ऊपर बाईं ओर से नीचे दाईं ओर एक विशिष्ट क्रम में।

परोसने का विशिष्ट क्रम:
केले के चिप्स (उप्पेरि): कुरकुरे तले हुए केले के टुकड़े।
शरकरा वरट्टी: गुड़ में लिपटे केले के चिप्स।
पप्पडम : कुरकुरे दाल के वेफर।
अचार: आम और नींबू के अचार जैसे मसालेदार मसाले।
इंजि करी: अदरक से बनी तीखी सब्जी।
नारंगा करी: नींबू से बनी करी।
तोरन: नारियल के साथ तली हुई सब्जियाँ।
अवियल: नारियल और दही के साथ मिश्रित सब्ज़ी की करी।
कालन: कच्चे केले या रतालू के साथ गाढ़ी दही की करी।
ओलन: लौकी और नारियल के दूध के साथ हल्का स्टू।
एरिशेरी: हल्के मसालों के साथ कद्दू और दाल की करी।
पचड़ी: अनानास जैसी सब्ज़ियों या फलों के साथ दही से बना व्यंजन।
किचड़ी: पचड़ी से ज़्यादा तीखी, खीरे या करेले से बनाई जाती है।
रसम: तीखा और मसालेदार इमली से बना सूप।
सांबार: सब्ज़ियों के साथ दाल से बनी करी।
परिप्पु: पीली दाल की करी, जिसे आमतौर पर घी के साथ परोसा जाता है।
चावल: केरल का लाल मट्टा चावल, जो मुख्य भोजन है।

मिठाई (पायसम)
अंत में, कई तरह के पायसम परोसे जाते हैं:

अडा प्रधमन: चावल के गुच्छे, गुड़ और नारियल के दूध से बनाया जाता है।
पालाडा पायसम: दूध से बना चावल का हलवा।
पज़म प्रधमन: पके केले और गुड़ से बनाया जाता है।
परिप्पु पायसम: नारियल के दूध और गुड़ के साथ दाल से बनी मिठाई।
बोली: आटे, चना दाल, चीनी और घी से बनी मीठी, पतली रोटी।

सद्या को खास बनाने वाली बात यह है कि यह केरल के सद्भाव और एकजुटता के दर्शन को दर्शाता है। इसकी शाकाहारी प्रकृति और प्राकृतिक सामग्री का उपयोग पाक परंपरा के रूप में इसकी स्थिरता को और बढ़ाता है। केरल सद्या सिर्फ़ एक भोजन नहीं है; यह एक ऐसा अनुभव है जो राज्य की जीवंत संस्कृति और सांप्रदायिक भावना का जश्न मनाता है।