अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

कुट्टनाड समुद्र तल कृषि प्रणाली (केबीएसएफएस) क्या है?

हां, केरल में समुद्र तल से नीचे की खेती की जाती है, खास तौर पर कुट्टनाड क्षेत्र में, जहां कुट्टनाड समुद्र तल से नीचे की खेती प्रणाली (केबीएसएफएस) एक अनूठी कृषि पद्धति के रूप में सामने आती है। लगभग 50,000 हेक्टेयर में फैले डेल्टा दलदलों में फैले इन चावल के खेतों को स्थानीय रूप से पुंचा वायल के नाम से जाना जाता है, जिन्हें तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है: करपदम (ऊंचे भूमि के चावल के खेत), कयाल (आर्द्रभूमि के चावल के खेत) और कारी (काली, कोयले जैसी मिट्टी वाली भूमि)। यह विशिष्ट कृषि पद्धति इस क्षेत्र की कृषि विरासत का अभिन्न अंग बन गई है।

कुट्टनाड के चतुर किसानों द्वारा लगभग 150 साल पहले विकसित की गई यह तकनीक समुद्र तल से नीचे की खेती में उनकी महारत का प्रमाण है। यह प्रणाली न केवल बड़े पैमाने पर चावल उत्पादन का समर्थन करती है, बल्कि मछली पालन को भी एकीकृत करती है, जिससे स्थानीय समुदायों के लिए एक स्थायी आजीविका मिलती है। इसके अतिरिक्त, यह जैव विविधता के संरक्षण और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे यह पर्यावरणीय स्थिरता के साथ जुड़ी पारंपरिक खेती का एक उल्लेखनीय उदाहरण बन जाता है। यह अभिनव दृष्टिकोण पीढ़ियों से चला आ रहा है, जो इस क्षेत्र के प्रकृति के साथ सामंजस्यपूर्ण संबंधों को दर्शाता है।