अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

मुंडकन क्या है?

मुंडकन केरल में धान की तीन मुख्य पारंपरिक खेती के सीजन में से एक है। अन्य सीजन विरिप्पु और पुन्चा हैं। यह विरिप्पु फसल की खेती के बाद दूसरी फसल है। मुंडकन के लिए बीज की बुवाई अगस्त या सितंबर में शुरू होती है, और कटाई आमतौर पर फरवरी में होती है। विरिप्पु और पुन्चा के साथ, यह राज्य के धान (चावल) उत्पादन चक्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मुंडकन के अतिरिक्त केरल में धान उगाने के दो अन्य पारंपरिक सीजन हैं: विरिप्पु और पुन्चा।

केरल के पालक्काड, आलप्पुष़ा, तृश्शूर और कोट्टयम जिले राज्य के कुल धान (चावल) उत्पादन में लगभग 80% योगदान देते हैं। कुट्टनाड क्षेत्र में, धान की खेती समुद्र तल से नीचे के खेतों में होती है। बैकवाटर से घिरे ये खेत बायोमास से भरपूर हैं, जिससे उच्च पैदावार होती है।

केरल का कुट्टनाड क्षेत्र मुख्य रूप से आलप्पुष़ा जिले में स्थित है, जिसका कुछ भाग पत्तनंतिट्टा और कोट्टयम जिलों तक फैला हुआ है।