अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

तेय्यम पोशाक और श्रृंगार में क्या विशेष है?

तेय्यम के कलाकार, जिन्हें तेय्यम कलाकार या थेय्यक्कोलम के नाम से जाना जाता है, अपनी विस्तृत वेशभूषा और जटिल श्रृंगार के लिए जाने जाते हैं। श्रृंगार के लिए प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है, जिसमें लाल और काला प्रमुख रंग हैं, जो दिव्य और रहस्यमय ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करते हैं। चेहरे पर की जाने वाली पेंटिंग, जो अक्सर विशिष्ट देवताओं या पात्रों को दर्शाती हैं, सावधानी से तैयार की जाती हैं और उनमें लाल, नारंगी, पीले, काले और सफेद जैसे चमकीले रंग होते हैं।

तेय्यम में उपयोग की जाने वाली बॉडी पेंटिंग की दो मुख्य शैलियाँ परुन्थुवाल एज़ुथु और अंचुपुल्ली एज़ुथु हैं, जबकि फेस पेंटिंग तकनीकों में प्राकेज़ुथु, संकेज़ुथु, नागम थाथल एज़ुथु और वेरेज़ुथु शामिल हैं। पोशाक की एक प्रमुख विशेषता मुडी है, जो कलाकार द्वारा पहना जाने वाला हेडगियर है, जो समग्र स्वरूप की भव्यता को बढ़ाता है।

लगभग 400 विविधताओं के साथ, तेय्यम कई पीढ़ियों से विकसित हुआ है, जिसमें लोकगीत, पौराणिक कथाएँ और स्थानीय परंपराएँ शामिल हैं। इस विकास ने तेय्यम को एक मात्र नृत्य शैली से बदलकर एक गहन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव में बदल दिया है।