अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

विरिप्पु खेती क्या है?

केरल में धान की खेती के पारंपरिक सीजन में से एक विरिप्पु है। यह केरल में धान की खेती का पहला सीजन है। यह अप्रैल-मई में बीज बोने से शुरू होता है और सितंबर-अक्टूबर में कटाई के साथ समाप्त होता है। विरिप्पु के अलावा, केरल में दो अन्य पारंपरिक धान उगाने के सीजन भी हैं: मुंडकन और पुन्चा। इनमें से प्रत्येक सीजन क्षेत्र के कृषि चक्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

केरल के पालक्काड, आलप्पुष़ा, तृश्शूर और कोट्टयम जिले मिलकर राज्य के कुल धान (चावल) उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। कुट्टनाड क्षेत्र में, धान की खेती समुद्र तल से नीचे के खेतों में की जाती है, जो बैकवाटर से घिरे होते हैं। ये अनोखे खेत बायोमास से भरपूर हैं, जो धान की उच्च उपज में योगदान देता है। क्षेत्र की कृषि उत्पादकता इस विशिष्ट भौगोलिक और पर्यावरणीय व्यवस्था का परिणाम है।

केरल का कुट्टनाड क्षेत्र मुख्य रूप से आलप्पुष़ा जिले में स्थित है, जिसका कुछ हिस्सा पत्तनंतिट्टा और कोट्टयम जिलों तक फैला हुआ है।