केरल में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसल कौन सी है?
केरल में उगाई जाने वाली मुख्य फसलों में धान, नारियल, रबर और सुपारी शामिल हैं, जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। लगभग 4 मिलियन लोग अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर हैं। धान, मुख्य खाद्य फसल होने के कारण, लगभग 205,040 हेक्टेयर (2020-21 तक) में उगाया जाता है, जिससे 633,739 टन उपज होती है। चावल उगाने के तीन मुख्य मौसम विरिप्पु (अप्रैल-मई से सितंबर-अक्टूबर), मुंडकन (सितंबर-अक्टूबर से दिसंबर-जनवरी) और पुंचा (दिसंबर-जनवरी से मार्च-अप्रैल) हैं। इनमें से, मुंडकन मौसम में खेती का सबसे बड़ा क्षेत्र और सबसे अधिक उपज होती है।
नारियल केरल में सबसे व्यापक रूप से उगाई जाने वाली फसल है, जो 2020-21 तक 768,809 हेक्टेयर में फैली हुई है, जो इसे भूमि उपयोग के मामले में राज्य की अग्रणी फसल बनाती है। हालांकि, बीमारी, खराब प्रबंधन और बूढ़े होते पेड़ों जैसी चुनौतियों ने नारियल की उत्पादकता को प्रभावित किया है। खेती के क्षेत्र के मामले में रबर दूसरे स्थान पर है, उसके बाद धान है, जो तीसरे स्थान पर है।
केरल कृषि विश्वविद्यालय के श्री सी. जॉर्ज थॉमस द्वारा किए गए एक अध्ययन में बताया गया है कि केरल में एक लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि पर केवल चार फसलें- नारियल, रबर, चावल और केला (केला सहित) उगाई जाती हैं। क्षेत्र के अनुसार क्रमबद्ध अन्य उल्लेखनीय फसलों में सुपारी, कटहल, कॉफी, काली मिर्च, आम, कसावा, काजू, इलायची, चाय, जायफल, पपीता, सहजन और कोको शामिल हैं। धान की खेती में कम लाभप्रदता और नारियल की उत्पादकता में गिरावट जैसी चुनौतियों के बावजूद, ये फसलें केरल के कृषि परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण बनी हुई हैं।