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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

केरल का कौन सा भाग मसालों की खेती के लिए लोकप्रिय है?

केरल अपनी मसाला खेती के लिए प्रसिद्ध है, जो विभिन्न जिलों में फैली हुई है, और कई जगहें विशिष्ट प्रकार के मसालों के उत्पादन के लिए जाना जाता है।

इडुक्कि मुख्य रूप से इलायची की खेती के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र का ऊंचा भूभाग और अनुकूल जलवायु इसे इस मसाले की खेती के लिए आदर्श बनाते हैं।

वायनाड इलायची, काली मिर्च और वेनिला सहित कई तरह के मसालों की खेती के लिए जाना जाता है। पहाड़ी इलाके और भरपूर बारिश के कारण मसालों की खेती फल-फूल रही है।

कोट्टयम मुख्य रूप से काली मिर्च की खेती के लिए जाना जाता है। निचले इलाके और इस क्षेत्र की आर्द्र जलवायु काली मिर्च के पौधों के पनपने के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रदान करती हैं।

आलप्पुष़ा अपने तटीय स्थान और उपजाऊ मिट्टी के कारण काली मिर्च और अदरक जैसे मसालों की खेती के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र का बैकवाटर पारिस्थितिकी तंत्र भी इन मसालों की सफल खेती में योगदान देता है।

पालक्काड हल्दी और अन्य मसालों की खेती के लिए जाना जाता है। मैदानों और पहाड़ियों के साथ इस क्षेत्र का विविध भूदृश्य, कई प्रकार की मसाला फसलों का समर्थन करता है।

कोष़िक्कोड (कालीकट) की मसाला व्यापार में समृद्ध विरासत है और यह काली मिर्च, इलायची और दालचीनी सहित विभिन्न मसालों की खेती के लिए जाना जाता है।

पत्तनंतिट्टा में इलायची, काली मिर्च और अदरक जैसे मसालों की खेती की जाती है। इस क्षेत्र की विविध स्थलाकृति विभिन्न प्रकार के मसालों की खेती को बढ़ावा देती है।