हाउसबोट से करें केरल में जलविहार!

 
Houseboat

क्या आपने कभी केरल के बैकवाटर में हाउसबोड की सैर का आनंद लिया है? यदि नहीं, तो यह आनंद एक बार ज़रूर लें। यह हमारे राज्य द्वारा पेश किया जाने वाला सबसे यादगार और अनोखा अनुभव है।

आज के हाउसबोट बड़े, धीमे चलने वाले विशेष नाव होते हैं जिनमें सफर करने का आनंद आ जाता है, जो वास्तव में पुराने ज़माने के केट्टुवल्लम का ही नया रूप है। असली केट्टुवल्लम का इस्तेमाल कई टन चावल और मसालों को लाने-ले जाने के लिए किया जाता था। एक स्टैंडर्ड केट्टुवल्लम कुट्टनाड से कोच्ची पोर्ट तक 30 टन माल ले जा सकता है।

मलयालम भाषा में केट्टु का अर्थ 'तैरता ढांचा' और 'वल्लम' का अर्थ बोट होता है। इस बोट में लकड़ी के छालों की छत होती है। यह बोट पनस की लकड़ी के गट्ठों से बनी होती है जिसे कोइर से जोड़ा जाता है। इसके बाद इसे काजू के उबले गूदे से बने कठोर काले राल का लेप लगाया जाता है। ध्यान से रख-रखाव करने पर केट्टुवल्लम अनेक पीढ़ियों तक काम में आता है।

केट्टुवल्लम का एक हिस्सा बांस और कोइर से ढंका होता है जिसमें आरामघर और किचन होता है। भोजन इसी में बनाया जाता है और बैकवाटर से ताज़े मछलियों को पकड़कर पकाया जाता है।

जब आधुनिक ट्रकों ने परिवहन के इस साधन को बदल दिया, लोगों ने 100 वर्षों से अधिक पुराने इन बोटों को बाज़ार में बनाए रखने का नया तरीका ढूंढा। यात्रियों के लिए विशेष कमरे बनाते हुए इन बोटों को प्रयोग में लाने का नया तरीका ढूंढा जो बहुत लोकप्रिय हुआ है।

आज, ये बोट बैकवाटर का अभिन्न अंग बन गए हैं और अलापूझा में ही 500 से अधिक हाउसबोट हैं।

केट्टुवल्लम को हाउसबोट में बदलते समय, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि केवल प्राकृतिक वस्तुओं का ही इस्तेमाल किया जाए। बांस की चटाइयाँ, लकड़ियाँ और सुपारी के पेड़ की लकड़ियों का इस्तेमल छत, कोइर की चटाइयाँ और फर्श के लिए लकड़ी के तख्तों का और बिस्तर के लिए नारियल के पेड़ की लकड़ी और कोइर इस्तेमाल किया जाता है। आजकल लाइटिंग के लिए सोलर पैनलों को प्राथमिकता दी जाती है।

आज, इन हाउसबोट में वही आराम मिलता है जो आपको किसी अच्छे होटल में मिलेगा जिसमें अच्छे बेडरूम, आधुनिक शौचालय, सुंदर लीविंग रूम,  किचन और नज़ारे देखने के लिए बाल्कनी भी मिलेंगे। लकड़ी या ताड़ की मुड़ी छत के हिस्से बाहर की खुले होते हैं जिससे छाया मिलती है और आप बिना किसी बाधा के बाहर के नज़ारे देख सकते हैं। जहाँ ज्यादातर बोट में स्थानीय मल्लाह होते हैं वहीं कुछ बोट में 40 एचपी का इंजन लगा होता है। नज़ारे देखने वाले लोगों के ग्रूप के लिए दो या दो से अधिक हाउसबोड को जोड़कर बोट ट्रेन बनाया जाता है।

हाउसबोट में यात्रा करने की सचमुच खास बात यह है कि आप बोट में आराम करते हुए अछूते और दुर्गम पहुँच वाले ग्रामीण केरल के बेहतरीन नजारे देख सकते हैं।

हाउसबोट

हाउसबोट तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, कोट्टयम, आलप्पुझा , एर्नाकुलम , त्रिश्शूर और कासरगोड़ में उपलब्ध हैं। अधिक जानकारी के लिए डीटीपीसी से संपर्क करें।

डीटीपीसी हाउस बोट प्रीपेड काउंटर

हाउसबोट बुक करने के लिए, यात्री जिला पर्यटन संवर्धन परिषद (डीटीपीसी) द्वारा संचालित हाउस बोट प्रीपेड काउंटर 'ट्रस्टेड सर्विस, ट्रस्टेड रेट' का इस्तेमाल कर सकते हैं।

संपर्क के ब्यौरे

आलप्पुझा – हाउसबोट प्री-पेड काउंटर मोबाइल: +91 9400051796, +91 9447483308 फ़ोन: +91 477 2251796, +91 477 2253308 पर्यटक डीटीपीसी के खाते में भारतीय रुपए 2500/- जमा कर अग्रिम बुकिंग करा सकते हैं और dtpcalpy@yahoo.com को इसका मेल भेज सकते हैं। डीटीपीसी का खाता संख्या 10150100253203, फेडरल बैंक, मुल्लक्कल शाखा, आलप्पुझा है। बैंक कोड FDRL 0001015 है।
District Tourism Promotion Councils KTDC Thenmala Ecotourism Promotion Society BRDC Sargaalaya SIHMK Responsible Tourism Mission KITTS Adventure Tourism Muziris Heritage

टॉल फ्री नंबर: 1-800-425-4747 (केवल भारत में)

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