मनमोहक केरल

 

श्रृंगार (मेक-अप) - कथकली में पात्र निर्धारण का आधार

कथकली में वेषम (परिधान और श्रृंगार) सैकड़ों वर्षों से दर्शकों के लिए कुतूहल का विषय रहा है। इसकी विस्तृत अलंकृत शैली प्रदर्शन में एक नया आयाम जोड़ता है और देखने वाला व्यक्ति कही जा रही कहानी से अधिक जुड़ा हुआ महसूस करता है। अदाकार के हरेक क्षण को देखना सम्मोहित करने वाला होता है जिसे वेषम का सहयोग मिला होता है। कथकली में पांच मुख्य प्रकार के वेषम होते हैं: कत्ती (अर्थात चाकू), पच्चा (हरा), ताडी (दाढ़ी), मिनुक्क (चमक) और करि (काला)। प्रत्येक वेषम कहे जा रहे महाकाव्य के विभिन्न भाग का प्रतिनिधित्व करता है। राजाओं और ईश्वरीय चीजों को दिखाने के लिए मुख्य हरे श्रृंगार का उपयोग किया जाता है। कत्ती वेषम में ये विशेष रूप से दंभी होते हैं किंतु उनमें पराक्रम का संकेत मिलता है। ताडी वेषम लाल, सफेद और काला होता है और क्रमश: दुष्टता, ईश्वरीय भावों और वनवासियों का प्रतिनिधित्व करता है। काला वेषम खासतौर पर दुष्ट चरित्र के लिए होता है। ऐसे अनेक कैरेक्टर हैं जिनके मेकअप को केवल एक श्रेणी में सीमित नहीं किया जा सकता। इनमें से प्रत्येक वेषम एक खास तरीके से जीवन की कहानियां प्रस्तुत करता है जो कथकली को दुनिया के सबसे बेतरीन में शुमार करता है।

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