दुनिया में जैव विविधता के आठ सबसे प्रमुखतम हॉटस्पॉट स्थलों में शुमार पश्चिमी घाट 5000 प्रजातियों के पुष्पी पादपों, 139 स्तनधारी प्रजाति, 508 पक्षी प्रजाति और 179 उभयचरों (एम्फीबियन) का आवास है। ये शक्तिशाली पर्वत श्रृंखलाएं लगभग 325 संकटग्रस्त प्रजातियों का भी आश्रय स्थल है। इन पर्वत श्रृंखलाओं में अनेक जनजातियों की बस्तियां और उनकी संस्कृति फलती-फूलती हैं। यह विशिषट पर्वत प्रणाली भारत के पांच राज्यों में फैली है और इसके अंतर्गत लगभग 1,60,000 वर्ग किमी का क्षेत्रफल आता है और इसकी कुल लंबाई तकरीबन 1600 किमी है। इसका कुल लगभग 40% हिस्सा केरल में पड़ता है। इसे असल पहचान तब मिली जब इसके 39 क्रमिक स्थलों को विश्व विरासत सूची में जगह मिली। आईयूसीएन (इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर) द्वारा चयनित इन 39 क्रमिक स्थलों में 19 स्थल केरल में पड़ते हैं। चिह्नित स्थलों में शामिल हैं साइलेंट वैली राष्ट्रीय उद्यान, इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान, पेरियार टाइगर रिजर्व, शेंतुरुणी वन्यजीव अभयारण्य, नेय्यार, पेप्पारा, चिन्नार और आरलम वन्यजीव अभयारण्यों जो कि राज्य के कुछ सर्वाधिक पसंदीदा स्थलों में शुमार है।