शूटिंग के लोकेशन

 

किसी भी तरह की मीडिया के लिए शूट करने के लिए यहाँ के समुद्र तट, मोहक वन्यजीवन, हिल स्टेशन और बैकवाटर प्रमुख स्थल हैं। केरल की खूबसूरत वादियों में एड, छोटी फ़िल्में या लंबे प्रोडक्शन के लिए अनेक मनमोहक तस्वीरें मिलेंगे। फ़िल्म मेकर इस राज्य की प्राकृतिक सुंदरता पर मंत्रमुग्ध रहे हैं, इसलिए, हम आपको सादर आमंत्रित करते हैं कि ईश्वर के अपने राज्य यानी गॉड्स ओन कंट्री में एक बार ज़रूर पधारें।

कृपया ध्यान दें कि ये स्थानों की विवरण केवल अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध हैं।

हर फ्रेम अधिक खूबसूरत

केरल का वर्णन करते समय अतिशयोक्ति और अलंकार युक्त शब्दों का प्रयोग न करना मुश्किल है। इस राज्य की सुंदरता और विविधता सचमुच आश्चर्यजनक है और यह ऐसे अनेक समुद्र तटों और बैकवाटर, हिल स्टेशनों और जंगलों से भरपूर है जो केरल के पर्यायवाची बन गए हैं। लेकिन समझदार लोगों के लिए यहाँ इससे कहीं अधिक मिलेगा। यहाँ की ज़मीन का एक एक हिस्सा सुंदर है, इसे केनवास पर, कागज़ पर या स्क्रीन पर उतारे या न उतारें, इसकी खूबसूरती इसे देखने वाले के दिल में उतर जाती है। पूरी दुनिया को इसका नमूना बॉम्बे, दिल से, मिस्ट्रेस ऑफ स्पाइसेस, निशब्द जैसे फ़िल्मों में देखने को मिला।


दुनिया के दस स्वर्गों में से एक – नेशनल जियोग्राफिक ट्रैवलर समुद्र तट, बैकवाटर, हिल स्टेशन, वन्यजीव अभ्यारण्य मसालों के बगीचों और धान के खेतों को दिखाता गांव का चित्र राम गोपाल वर्मा की निशब्द की ज्यादातर शूटिंग मून्नार में हुई।


हर शॉट एक नया आर्ट

केरल के प्राकृतिक सौंदर्य ने इस ज़मीन को दुर्लभ संस्कृति दी है जिसने समृद्ध कला विरासत को जन्म दिया। यहाँ आपको चारों तरफ कला ही दिखाई देगी – न केवल संग्रहालयों या कला दीर्घा में, बल्कि घरों, सड़कों, गलियारों और दीवारों पर भी आपको कला दिखेगी। और यही दृश्य संस्कृति यहां के जीवंत रंगपटल और त्यौहारों में दिखती है जिसे यहाँ संजोकर रखा गया है – कथकली से लेकर कलरीपयट्टू तक और पंचवाद्यम से लेकर पूरम तक। इनकी समृद्धता ने कई दृश्यों में जीवन और रंग डाला है, इनकी खूबसूरती से कई फिल्मी दृश्य अमर हो गए।


अत्यधिक समृद्ध दृश्य संस्कृति समृद्ध सांस्कृतिक और कलात्मक संपत्ति कला और त्यौहारों का विशाल रंगपटल आपने मणि रत्नम की दिल से में तेक्कडी और मून्नार के कई खूबसूरत दृश्य देखे होंगे।


हर कहानी में अनेक कहानियाँ

केरल दिल में उतरता है! यहाँ की ज़मीन के प्रत्येक टुकड़े में मंत्रोच्चारण महसूस होता है – न सिर्फ यहाँ बैकवाटर, समुद्र तटों या हिल स्टेशनों में, बल्कि यहाँ के हरे भरे धान के खेतों और मसालों के बगीचों में, पुराने नगरों और सड़कों में, यहाँ के मानसून में भी आप यही महसूस करेंगे। केरल के लिए ये जीवंत और सांस लेने के कारण हैं; यहाँ के सामाजिक और सांस्कृतिक परिवेश का अभिन्न हिस्सा है, यहाँ कि काव्य-प्रतिभा। इसे शायद निला नदी (भारतापुझा नदी) ने अच्छी तरह साकार किया है जिसके किनारे न जाने कितनी कहानियाँ गढ़ी गई और रुपहले पर्दे पर दिखाई गई। शायद इसीलिए केरल ने ऐसे अनेक पुरुषों और महिलाओं को पोषित किया जिन्होंने कला और खासकर सिनेमा में अपनी ख्याति दुनिया भर में अर्जित की।


सचमुच प्रेरक माहौल प्रतिभाशाली लोग फ़िल्म मेकिंग की विरासत गुरिंदर चड्ढा की फ़िल्म मिसेस ऑफ स्पाइसेस के कई सीन की शूटिंग मुन्नार में की गई।


हर सेट में कई इमेज

संस्कृतियों का अनोखा मिश्रण, केरल अपनी विविध वास्तुशिल्प शैलियों – ब्रिटिश, चाइनीज़, पुर्तगाली, डच आदि द्वारा अनेक दृश्य और मनोदशा प्रस्तुत करता है- जो दूसरे देशों के साथ इसके प्राचीन संबंधों की याद दिलाया है। उदाहरण के लिए, एर्णाकूलम जिले का कोच्चि किला जो मर्चेंट-आयवरी प्रोडक्शन के ज़माने की फ़िल्म कॉटन मैरी की आदर्श पृष्ठभूमि था, आपको अतीत के अनेक देशों की याद दिलाता है। वास्तुशिल्प के अलावा, यहाँ प्रकृति भी बहुत मेहरबान रही है। उदाहरण के लिए, मून्नार में स्कॉटलैंड का आकर्षण है; अलापुझा के खूबसूरत जलमार्ग देखकर आपको वेनिस शहर याद आ जाएगा; अतिरापल्ली के झरनों से आपको नियाग्रा की प्रचण्डता बरबस ही याद आ जाएगी। यहाँ की विविधता ने फ़िल्ममेकरों को पूरी प्रामाणिकता के साथ अपनी कल्पना को पर्दे पर उतारने में मदद की है।


देखने और महसूस करने में विविधता अंदाज़ और खासियत में बेजोड़ लोकेशन विभिन्न शैलियों और युगों के वास्तुशिल्प कोच्चि का किला इस्माइल मर्चेंट की फ़िल्म मर्चेंट मैरी के लिए बिल्कुल सही माहौल दिया।


हर शेड्यूल के लिए कई जगह

शूटिंग के लोकेशन के रूप में केरल शायद इसलिए बेहतरीन है कि यहाँ के सभी प्रमुख दर्शनीय स्थल एक दूसरे से एक या दो घंटों की दूरी पर हैं। यानी एक लोकेशन से दूसरे लोकेशन को जाना बहुत आसान है और सड़कों और रेल का नेटवर्क भी बहुत अनुकूल है। स्वास्थ्यकर जलवायु में ऐसी छोटी यात्रा करने का मज़ा ही कुछ और है। जून से लेकर अगस्त तक, मानसून के मौसम को छोड़ दें तो केरल में पूरे वर्ष ताज़ी हवा और धूप मिलती है। यानी आपके पास पूरे नौ महीने होते हैं जब मौसम साफ रहता है जो शूटिंग के लिए बेहतरीन है। बिल्कुल पिक्चर-परफेक्ट सीन!


शानदार लोकेशन, वो भी एक दूसरे के करीब एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान खुशनुमा मौसम ऐतिहासिक बेकल की खूबसूरत वादियों में मणि रत्नम की फ़िल्म बॉम्बे का गाना फ़िल्माया गया।


District Tourism Promotion Councils KTDC Thenmala Ecotourism Promotion Society BRDC Sargaalaya SIHMK Responsible Tourism Mission KITTS Adventure Tourism Muziris Heritage

टॉल फ्री नंबर: 1-800-425-4747 (केवल भारत में)

डिपार्टमेंट ऑफ़ टूरिज्म, गवर्नमेंट ऑफ़ केरल, पार्क व्यू, तिरुवनंतपुरम, केरल, भारत - 695 033
फोन: +91 471 2321132, फैक्स: +91 471 2322279, ई-मेल: info@keralatourism.org.
सर्वाधिकार सुरक्षित © केरल टूरिज्म 2020. कॉपीराइट | प्रयोग की शर्तें | कुकी पॉलिसी | संपर्क करें.
इनविस मल्टीमीडिया द्वारा विकसित व अनुरक्षित.

×
This wesbite is also available in English language. Visit Close